Posts

Showing posts from May, 2021

डीएवी वाली स्वाति

 शिमला से वापस घर लौटे एक हफ्ता बीत चुका था। छुट्टी ख़त्म होने में अभी भी कुछ दिन बचे थे। शाम का वक्त था सो बाहर बरामदे में बैठा था तभी बड़ी बहन की बेटी ने छत पर से आवाज लगाया, "मामू, नाना जी बुला रहे हैं।" मैं उठा और छत पर जाने लगा। सीढ़ियां चढ़ते - चढ़ते एहसास हुआ कि बचपन से बस आवाज़ें लगाई जा रही हैं- " छोटू, पापा ऊपर बुला रहे हैं। छोटू, पापा कुछ बात करना चाहते हैं तुमसे। छोटू ये.... छोटू वो...बस!" ऊपर जाता तो कुछ इधर - उधर की बातें पूछते और वापस जाने को बोल देते। बचपन में मैं सोचता था कि इनके हाथ - पैर अभी सलामत हैं तो ख़ुद नहीं आ सकते नीचे बात करने! ये "मैं ही सर्वोपरि हूं" का ढोंग क्यों? मन में इन सब विचारों का जमघट बोलता मुझसे कि एक दिन तो जवाब देना ही है इन्हें, बस उस वक़्त ये पूछने से रोकता मुझे बस मेरे अच्छे -सुशील लड़के की छवि जो आस-पड़ोस में बन चुकी थी। ख़ैर, अब भी बिना कुछ कहे दूसरी मंजिल पर उनके कमरे में चला आया। मन में "27 वर्ष का छोटा बालक होना" प्रतीत हो रहा था। इन दिनों मेरी शादी की बात जोरों - शोरों से चल रही थी। पिताजी के एक द