मिथुन से शाहरुख
बचपन में फिल्में देखना कब से शुरू किया ये तो याद नहीं, बस याद हैं कुछ फिल्में और कुछ अभिनेताओं के नाम जो उस वक़्त मिडिल क्लास परिवारों के हम जैसे बच्चों में काफी पसंद किए जाते थे। मिथुन चक्रवर्ती, धर्मेंद्र, सन्नी देओल और थोड़ा बहुत अजय देवगन की फ़िल्मे हमारी मेन्यू में पाए जाते थे। हमारे जैसे बच्चों ने इनकी सारी फिल्में घोल के पी ली थीं। मिथुन की चांडाल, चीता, शेरा... धर्मेंद्र की शोले, लोहा.....तो अजय देवगन की गैर, दिलवाले, दिलजले..... इन फिल्मों की लिस्ट काफी लंबी है और अगर आप ध्यान से देखो तो इन सारी फिल्मों में हीरो को मुख्य रूप से एक ही काम करना होता था .............. बदला लेना। वो हमारा धोनी होता था सो वो हमें कभी निराश भी नहीं करता था, कभी नहीं। फ़िल्म ख़त्म होने तक वो अपने पूरे परिवार को गवां कर भी विलेन से बदला ले ही लेता था। और हम ख़ुश। मानो हमने ही बदला लिया हो! ज़ोया अख़्तर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत के लोग फिल्मों में वही देखना चाहते हैं जिनसे वो अपनी ज़िन्दगी में मोहताज रहते हैं। इसलिए जब थोड़ा बड़ा हुआ ( उम्र से), पता नहीं क्यूं शाहरुख ख़ान पसंद आने ...